पटना: बिहार में भूमि सर्वे का कार्य लगातार जारी है, लेकिन हर दिन नई परेशानियां सामने आ रही हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए राजस्व विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। खासकर, भूमि मालिकों को सबसे बड़ी कठिनाई तब हो रही है जब उनके पास संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते। ऐसे में राजस्व विभाग ने इन मालिकों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने बताया कि जिन भूमि मालिकों के पास दस्तावेज नहीं हैं, वे क्या करें। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि स्वघोषणा के लिए जितने दस्तावेज उनके पास उपलब्ध हैं, उन्हें संलग्न कर दें। इसके बाद बाकी दस्तावेजों को समय रहते एकत्रित किया जा सकता है। इस कदम से बिहार के भूमि मालिक भूमि सर्वे में अपनी भागीदारी बेहतर तरीके से सुनिश्चित कर सकते हैं।
वहीं, 31 मार्च को स्वघोषणा जमा करने की अंतिम तिथि समाप्त होने के तीन दिन बाद मंत्री सरावगी ने राज्यभर में चल रहे भूमि सर्वे की समीक्षा की। इस बैठक में उन्होंने कई जिलों में स्वघोषणा की कम संख्या पर नाराजगी जताई और खराब प्रदर्शन वाले सर्वे शिविरों की पहचान कर संबंधित कर्मियों को कड़ी चेतावनी दी।
अब तक 31 मार्च तक कुल 1.15 करोड़ स्वघोषणाएं प्राप्त हो चुकी हैं, जिनमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों शामिल हैं। मंत्री सरावगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूमि सर्वे में हो रही देरी के पीछे सर्वर की खराबी एक बड़ा कारण है, और इस समस्या को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं।